अफसरों की जवाबदेही तय होना जरूरी

न्यूज 18 हिंदी । 30 अगस्त 2017

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार व आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मार्लिना ने अफसरशाहों (ब्यूरोक्रेसी) की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सरकार जनता की भलाई के लिए योजनाएं शुरू करती है लेकिन उन योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचने से पहले अफसरशाही प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि एक ही विभाग में बैठे चार अधिकारियों के पास से फाइल गुजरने में महीनों और कभी-कभी वर्षों लग जाते हैं. वह फ्रेडरिक न्यूमन फाऊंडेशन के सहयोग से थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी द्वारा प्रकाशित दिल्लीo सिटीजन्स हैंडबुक 2017 का विमोचन कर रहीं थी.

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) ऑडिटोरियम में आतिशी मर्लिना ने कहा कि जब तक ब्यूरोक्रेसी को जवाबदेह नहीं बनाया जाता, तब तक सरकार की जवाबदेही तय करने से कोई फायदा नहीं होगा. उन्होंने नाकारा अफसरशाही के एक वाकए का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह उनके सरकार की एक फाइल को चार अधिकारियों से साइन होने में डेढ़ वर्ष का समय लग गया जबकि सभी अधिकारी आसपास ही बैठते हैं.

‘दिल्ली सिटीजन्स हैंडबुक 2017’ पब्लिक पॉलिसी के मुद्दे पर तैयार किए गए रिसर्च पेपर्स का संग्रह है. इस हैंडबुक में प्रशासन, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल एवं सीवर, श्रम एवं रोजगार, भोजन एवं आपूर्ति, लोक परिवहन, महिला सशक्तिकरण एवं हाऊसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे विषयों पर आधारित रिसर्च पेपर शामिल किए गए हैं.

दिल्ली सिटीजन्स हैंडबुक 2017 के विमोचन के दौरान ‘गुड गवर्नेंस एंड डेवलपमेंटः परफॉर्मेंस एंड स्ट्रेटेजिक रिफॉर्म्स’ विषय पर गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इस दौरान आतिशी मर्लिना के अतिरिक्त प्रजा फाऊंडेशन की अंजलि श्रीवास्तव, सुप्रीम कोर्ट के वकील विक्रमाजीत बैनर्जी व आईआईएम बैंगलोर की प्रोफेसर इंदिरा राजारमन ने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का उद्घाटन सीसीएस के प्रेसीडेंट डा. पार्थ जे शाह व फ्रेडरिक न्यूमन फाऊंडेशन के साऊथ एशिया के रिजनल डाइरेक्टर रोनॉल्ड मेन्डरस ने किया.

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