नई दिल्ली। चौथे अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्म प्रतियोगिता 'एडुडॉक' का आयोजन इंडिया हैबिटेट सेंटर स्थित जुनिपर हॉल में किया गया। इस दौरान ईरानी फिल्म 'लालेह काम्प्लेक्स' को श्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया। भारतीय फिल्म 'ड्रीमर्स ऑफ ब्रेसवाना' और इटली की फिल्म 'ब्रिंगिग स्कूल्स वेयर देयर इज नन' को क्रमशः दूसरे और तीसरे श्रेष्ठ फिल्म का खिताब प्राप्त हुआ। एडुडॉक फेलो वर्ग में भारतीय फिल्म 'विकिरण' को श्रेष्ठ फिल्म चुना गया। विजेता फिल्मों को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन के डीजी के.जी. सुरेश ने ट्रॉफी और चेक प्रदान कर सम्मानित किया।
थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस), फ्रेडरिक न्यूमन फांऊडेशन (एफएनएफ) व एडलगिव के संयुक्त त्वावधान में आयोजित चौथे अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्म फेस्टिवल का विषय'एजुकेशनः रेग्युलेटरी चैलेंजेज, इनोवेशन, सेलिब्रेशन' था। प्रथम पुरस्कार के तौर पर 40 हजार रूपए का चेक और ट्रॉफी प्रदान की गई। दूसरे और तीसरे पुरस्कार के तहत क्रमशः 30 हजार और 10 हजार का चेक और ट्राफी प्रदान की गई। एडुडॉक फेलो के तहत चयनित फिल्म को 25 हजार का चेक और ट्राफी प्रदान किया गया। इस प्रतियोगिता के लिए 104 देशों से 1741 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई थीं। पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए आईआईएमसी के डीजी के.जी. सुरेश ने कहा कि वह आएदिन अनेकों फिल्म फेस्टिवल्स में सम्मिलित होते हैं लेकिन एडुडॉक फिल्म कॉम्पटीशन उन सभी से बिल्कुल अलहदा है। उन्होंने आईआईएमसी के प्रांगण में भी ऐसी ही फिल्म प्रतियोगिता आयोजित कराने का प्रयास करने की बात कही। इस मौके पर सीसीएस प्रेसिडेंट डा. पार्थ जे शाह, निसा के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा, लंदन यूनिवर्सिटी की प्रो. गीता गांधी किंगडन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।