नवभारत टाइम्स । 31 जनवरी 2016
मुंबई
भारत को सबसे ज्यादा थिंकटैंक वाले देशों में चौथा नंबर मिला है। 2015 में देश में 100 से ज्यादा थिंकटैंक सामने आए हैं, जिससे कुल थिंकटैंक की संख्या 280 हो गई है। पिछले साल इनकी संख्या 192 थी।
इस लिस्ट में अमेरिका पहले नंबर पर है। अमेरिका में 1,835 थिंकटैंक हैं। इसके बाद चीन और ब्रिटेन का नंबर आता है, जहां क्रमशः 435 और 288 थिंकटैंक मौजूद हैं। यह लिस्ट ग्लोबल गो टू थिंक टैंक इन्डैक्स रिपोर्ट (GGTTI) 2015 ने शुक्रवार को जारी की है।
दुनिया भर की बात करें तो कुल 6,486 थिंकटैंक मौजूद हैं। इसमें अमेरिका का ब्रूकिंग इंस्टिट्यूशन लगातार आठवें साल शीर्ष पर है। भारत के छह थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी (सीसीएस, रैंक 79), इंस्टिट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज ऐंड अनैलिसिस (104), इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनैशनल इकनॉमिक रिलेशंस (109), दि एनर्जी ऐंड रिसोर्सिज इंस्टिट्यूट (टेरी, 111) और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (118) और डिवेलपमेंट अल्टरनेटिव्स (136 ) दुनिया के शीर्ष 175 थिंकटैंक की लिस्ट में हैं।
अगर अमेरिका के थिंकटैंक को लिस्ट से निकाल दिया जाए तो भारत के चार और थिंकटैंक शीर्ष 175 की लिस्ट (गैर-अमेरिकी) में आ जाते हैं। ये चार थिंकटैंक- ब्रूकिंग इंडिया, गेटवे हाउस- इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेशंस, यूनाइटेड सर्विस इंस्टिट्यूशन ऑफ इंडिया ऐंड विवेकानंद इंटरनैशल फाउंडेशन हैं।
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