न्यूज़ 18 हिंदी | 28 जनवरी 2018
'द लॉ' 1850 में पहली बार प्रकाशित हुई इस पुस्तक की मूल भाषा फ्रेंच है और हिंदी से पहले इसे अंग्रेजी और मलयालम सहित अन्य भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है.
दिल्ली थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) की ओर से फ्रेंच अर्थशास्त्री, पत्रकार व लेखक फ्रेडरिक बास्तियात की किताब पुस्तक ‘द लॉ’ के हिंदी संस्करण का विमोचन किया गया. 1850 में पहली बार प्रकाशित हुई इस पुस्तक की मूल भाषा फ्रेंच है और हिंदी से पहले इसे अंग्रेजी और मलयालम सहित अन्य भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है. पुस्तक का अनुवाद अविनाश चंद्र ने किया है.
इसी के साथ शनिवार को कांस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में समाज, कानून और मीडिया’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया. जिसमें आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ व व्यंग्यकार डा. आलोक पुराणिक ने कहा कि सरकार के कार्यों की सबसे अच्छी विवेचना बाजार करती है. आने वाला कानून समाज पर कैसा प्रभाव डालेगा वो बाजार अपने हाव-भाव से पहले ही बता देता है. शेयर बाजार में उछाल और गिरावट यह बताने के लिए काफी होते हैं कि सरकार की अमुक योजना को समाज का बड़ा वर्ग किस तरीके से देखता है.
इस दौरान लोकसभा टीवी के वरिष्ठ एंकर अनुराग पुनेठा, स्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाऊंडेशन के फेलो शिवानंद द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश मिश्रा आदि मौजूद रहे.
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