ACTIZEN CONTEST के जरिए देश के स्कूली बच्चे दिखा पाएंगे अपनी प्रतिभा

देश के स्कूली बच्चों को एकेडमिक एजुकेशन के साथ प्रैक्टिकल स्किल्स देने की भी जरूरत है. वो अपने आसपास की समस्याओं को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएं.

मुंबई: देश के स्कूली बच्चों को एकेडमिक एजुकेशन के साथ प्रैक्टिकल स्किल्स देने की भी जरूरत है. वो अपने आसपास की समस्याओं को सुलझाने में अहम भूमिका निभाएं. वो अलर्ट, एक्टिव और इनफॉर्म्ड सिटीजन बने. इसके लिए देश भर के हजारों स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए एक्टिज़न कांटेस्ट लांच किया जा रहा है. ये कांटेस्ट देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन की तरफ से लांच किया जा रहा है. एक्टिज़न कांटेस्ट देशभर की हजारों स्कूलों में दो फेज़ में होगा. इसका मकसद सिविक अवेयरनेस को लेकर बच्चों का टेस्ट लेना और उन्हें अपने आसपास की समस्याओं को सुलझाने के लिए वालंटियर वर्क के लिए तैयार करना है.

इसका उद्धेश्य डेमोक्रेसी 2.0 के लिए बच्चों को तैयार करना ताकि वो सरकार के साथ मिलकर आसपास की समस्याओं को सुलझाने में मदद करें. देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन के फाउंडर और चीफ मेंटर वल्लभ भंसाली के मुताबिक इसे नेशनल इम्पोर्टेंस को ध्यान में रखते हुए लांच किया जा रहा है. भंसाली के मुताबिक स्कूल प्रिंसिपल, टीचर्स और पेरेंट्स को इनवाइट किया जाएगा कि वो 7 वीं, 8वीं और 9वीं क्लास के बच्चों को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें.

जानिए क्या है एक्टिज़न कांटेस्ट

वस्टूडेंट्स को ग्रैंड जूरी के सामने राष्ट्रीय स्तर पर कंपीट करते हुए समस्याओं के साल्यूशन डिजाइन करने होंगे सभी एक्टिविटीज़ आसान है और इसके लिए पहले से किसी खास तैयारी की ज़रूरत नहीं है. कांटेस्ट के टॉप थ्री विनर्स दंबग फिल्म की टीम के फिल्म के सब्जेक्ट का हिस्सा होंगे स्टूडेंट्स के प्रयासों को सराहा जाएगा और उन्हें सर्टिफिकेट्स और इनाम भी दिए जाएंगे टीचर्स को यंग एक्टिजन मेंटर अवार्ड दिया जाएगा शानदार प्रदर्शन करने पर स्कूल को ट्राफी दी जाएगी

स्कूल प्रिंसीपल को भविष्य की पीढ़ी तैयार करने का संतोष मिलेगा और उनके स्कूल को नेशनल लेवल पर रोटेटिंग एक्टिज़न ट्राफी जीतने का मौका भी होगा. एक्टिजेन का लोगो डिजाइन करने वाले क्लोरोफिल इनोवेशन लैब के ब्रांड कंसल्टेंट किरण खलप के मुताबिक क्लोरोफिल लैब की अहम जिम्मेदारी एक्टिज़न का महत्व आसानी से लोगो तक पहुंचाना था. हमारी कोशिश है कि रिद्धिमा पांडेय जैसी बच्ची जब देश बदलने की कोशिश करती है तो ये सारी बातें लोगों को पता होनी चाहिए.

देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन की इस पहल को जानेमाने खिलाड़ी और ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग भी सपोर्ट कर रहे हैं. गंगन नारंग के मुताबिक ये कांटेस्ट स्कूली बच्चों को कम उम्र में ही डेमोक्रेसी को सही मायने में अनुभव करने और उन्हें अलर्ट, एक्टिव और इन्फार्म्ड बनाने में मददगार साबित होगा. गगन नारंग भी इसे लेकर बहुत एक्साइटेड हूं और पूरी तरह सपोर्ट कर रहे हैं. उनका मानना है कि युवा पीढ़ी को मौका दिया जाए तो वो बहुत कुछ कर सकते है.

एचवीबी ग्लोबल एकेडमी की प्रिंसिपल डाक्टर मिसेज पाठक का अपने स्टुडेंट्स को इस कांटेस्ट में भेजने को लेकर काफी उत्साहित हैं.

सेंटर फार सिविल सोसायटी के फाउंडर एंड प्रेसीडेंट और इंडियन स्कूल आफ पब्लिक पालिसी के डायरेक्टर डाक्टर पार्थ जे. शाह के मुताबिक . अच्छी नीतिया और सुशासन को सिटीजन एजुकेशन के साथ जोड़ दिया जाए तो राष्ट्र पर इसके बेहतरीन प्रभाव होते हैं. उनका कहना है कि एक्टिजन गेम चेंजिंग मिशन साबित हो सकता है. “

देश अपनाएं सहयोग फाउंडेशन नान प्राफिट संगठन है जो पिछले चार सालों से देश के 800 से ज्यादा स्कूलों के बच्चों को सिटीजन एजुकेशन के फायदों को लेकर एजुकेट और इंस्पायर करता आ रहा है.

Source: Zee News