नई दुनिया | 11 September 2016
दिल्ली सरकार की शिक्षा सुधार नीति "चुनौती 2018" को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
नई नीति के तहत स्कूली बच्चों के बीच में ही पढ़ाई छोड़ने और कमजोर बच्चों को पढ़ाई के नए अवसर मुहैया कराने की योजना है। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा की खंडपीठ ने दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली के तीनों निगमों को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।
सेंटर वॉर सिविल सोसाइटी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार की शिक्षा में बदलाव की योजना "चुनौती 2018" केवल छठी से नौवीं कक्षा के बच्चों तक ही सीमित है। प्राथमिक शिक्षा को इससे नहीं जोड़ा गया है। इसमें प्राथमिक शिक्षा को भी जोड़ा जाए। खंडपीठ याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई करेगी।
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