लाइव हिन्दुस्तान, 30 अक्टूबर 2015
केंद्र सरकार ने कथित तौर पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के स्टूडेंट्स के बीफ पर बनाई गई एक डॉक्युमेंट्री को 12वें जीविकाः एशिया आजीविका डॉक्युमेंट्री फेस्टिवल में दिखाने पर रोक लगा दी है।
दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में शुक्रवार से शुरु होने वाले इस फेस्टिवल में इस डॉक्युमेंट्री का चयन स्टूडेंट्स फिल्म्स प्रतियोगिता श्रेणी में किया गया था। इस डॉक्युमेंट्री का नाम 'कास्ट ऑन द मेन्यू कार्ड' है।
फेस्टिवल के आयोजनकर्ताओं का दावा है कि उन लोगों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक नोटिस मिला है, जिसमें इस डॉक्युमेंट्री को न दिखाने को कहा गया है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, फिल्म निर्माताओं ने इस बारे में पर्याप्त सूचनाएं नहीं दी थीं ताकि इसके बारे में चीजें स्पष्ट हो सकें। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक फिल्म को दिखाए जाने के लिए कुछ निश्चित नियम होते हैं। और एक या दो लाइन की दी गई सूचना में इसे स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। उन लोगों ने उनसे और जानकारी मांगी है।
हालांकि आयोजकों का कहना है कि दो सप्ताह पहले ही फिल्म का सिनॉप्सिस भेज दिया गया था। उनको गुरुवार को फिल्म न दिखाने के लिए मंत्रालय के तरफ से नोटिस से प्राप्त हुआ। डॉक्युमेंट्री बनाने में स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करने वाले के पी जयशंकर और अंजलि मॉनटेयरो का कहना है कि फिल्म न दिखाने को लेकर उन लोगों को कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। वह डॉक्युमेंट्री एक क्लास प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
अगर नियमों की बात की जाए तो किसी भी फिल्म को सार्वजनिक तौर पर दिखाने से पहले सेंसरशिप प्रमाण पत्र की जरूरत होती है।
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