आज तक, 30 अक्टूबर 2015
देशभर में बीफ को लेकर उठ रहे विवादों के बीच अब बीफ पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर भी रोक लग गई है. डॉक्यूमेंट्री महोत्सव के आयोजकों ने बताया कि बीफ पर बनी एक फिल्म को लेकर सूचना व प्रसारण मंत्रालय से मंजूरी लेने में विफल रहने के कारण वे इसे नहीं दिखा पाएंगे.
सिर्फ इसी फिल्म को रोका गया
‘कास्ट ऑन द मेन्यू कार्ड’ शीषर्क वाली लघु फिल्म 35 अन्य फिल्मों में एकमात्र ऐसी फिल्म थी, जिसे दिल्ली में ‘12वीं जीविका एशिया लाइवलीहुड डॉक्यूमेंट्री फेस्टीवल’ में दिखाए जाने की अनुमति नहीं मिली. महोत्सव का आयोजन सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी (CCS) की ओर से किया जा रहा है.
महोत्सव के निदेशक मनोज मैथ्यू ने बताया, ‘हमने चार अगस्त को ही मंत्रालय को सारी फिल्में उपलब्ध करा दी थीं. हमें यह मालूम चला कि केवल इस फिल्म को कल नहीं दिखाया जाएगा. हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई. हमने इसके बाद भी अनुरोध किया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे इसकी इजाजत देंगे. हमें प्रक्रिया का पालन करना ही होगा.’
छात्रों ने बनाई है फिल्म
21 मिनट की इस फिल्म को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के स्कूल ऑफ मीडिया एंड कल्चरल स्टडीज के छात्रों ने बनाया है, जो मुंबई में बीफ सेवन के चलन पर केंद्रित है.
तीन दिवसीय एशिया-वाइड वार्षिक महोत्सव के तहत ग्रामीण और शहरी गरीबों की जीवनशैली से जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित करने का प्रयास किया जाता है.
सूचना व प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि फिल्म के बारे में पर्याप्त सूचना नहीं दी गई है.
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